आज दिवाली है... पर वो खुशियां नहीं — Emotional Diwali Shayari in Hindi
आज दिवाली है...
पर वो खुशियां नहीं,
जो तेरे आने से हुआ करती थी,
तेरे से मिलके हुआ करती थी,
हुआ करती थी तेरे से की उन बातों से,
तेरे संग बिताए उन लम्हों, उन रातों से,
ये त्योहार अधूरा लग रहा है,
बिन तेरी मुलाक़ातों से।
सब आए हैं अपने घर त्योहार पर,
पर कोई त्योहार मनाने नहीं आया,
आ गए सब अपने घर एक उदास चेहरा लेके,
कोई नए कपड़े और मिठाइयाँ नहीं लाया।
काश तु भी आज दिवाली पर हमारे साथ होता,
मनाते दिवाली इस तरह गाव में मानो अपना ही राज होता ll
💭 अर्थ / व्याख्या (Meaning):
यह शायरी उस एहसास को बयान करती है जब त्योहार तो आता है, लेकिन वह इंसान नहीं आता जो असली खुशी की वजह हुआ करता था।
“तेरे संग बिताए लम्हे” और “तेरे बिना अधूरा त्योहार” — यह सब उन यादों की कहानी है जो दिवाली की रोशनी में भी एक साया छोड़ जाती हैं।
यह सिर्फ़ एक शायरी नहीं, बल्कि हर उस दिल की बात है जिसने किसी को खोकर भी उसकी यादों में रोशनी ढूंढने की कोशिश की।
💬 Conclusion:
हर त्योहार सिर्फ़ रोशनी या मिठाइयों का नहीं होता — कुछ त्योहार ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ़ यादों की खुशबू और दिल की खामोशी से मनाए जाते हैं।
काश हर किसी के पास वो शख़्स हो जो हर दिवाली को “खास” बना सके।

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