रिश्तों की पतंग और मांझे का सच – एक गहरी शायरी | Kalam Wala Kamal
Kamlesh Kumar Jangid
March 25, 2025
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* Hindi * ये रिश्ता पतंग, मैं मांझा और तू डोर है , चरखे सी जिंदगी अपनी, पर इसे उड़ा रहा कौन है ? पतंग और इस डोर की, ये मांझा हिफाज़त करता ...